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Theatrics of Knowledge 🎭 ज्ञान का अभिनय
जब शहर में आग लगी हुई थी.. वो चुप था.. उसकी अंतरात्मा पर बीस सेंटीमीटर बर्फ़ गिरी हुई थी
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Chai-चरित्र ☕️ (a Tea-nalysis)… एक चाय हो जाए !
चाय की प्यालियों के बीच वक़्त कैसे उधड़ता है.. चाय के घूँट इंसान को कैसे सहलाते हैं.. आज़ादी दिलाने वाले सवालों से चाय पर मुलाक़ात कैसे होती है ?… जब अंगारे आराम फ़रमाते हैं तो चाय पिलाना कैसे चाटुकारिता और जी हुज़ूरी बन जाता है.. और चाय में एक चम्मच चीनी घोलते हुए.. किस तरह…
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Crunchy Democracy : कुरकुरा लोकतंत्र
राजपुरुष(या स्त्री)… फिर चाहे वे किसी भी सत्ता में क्यों न हों.. उन्हें लोकतंत्र को चबाने में बड़ा स्वाद आता है… घर.. दफ़्तर.. देश… दुनिया… हर जगह यही समीकरण है
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The Hum-सफ़र Project |👫| तुम्हारे साम्राज्य में मेरी आराम कुर्सी
उसने कहा – क्या अब भी तुम्हें मेरे ख़्वाब आते हैं ? उसके हमसफ़र ने कहा – तुम वही हो जो मेरे ज़ेहन की अंगुली पकड़ के मुझे ख़्वाबों में ले जाती हो लम्हा दर लम्हा तुम्हारे ख्यालों के साथ पिघलता हूं मैं कंप्यूटर पर बैठो तो बाहों का हार खींचता है खाना खाता…
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The Hum-सफ़र Project |👫| प्यार बढ़ता है एक दूसरे का जूठा पीने से
नाम थोड़ा अंग्रेज़ी टाइप है.. लेकिन मायने ख़ालिस देसी हैं.. The Hum-Safar Project का अर्थ ये है कि हम सफ़र पर हैं… और इस सफ़र में हर दूसरे मोड़ पर संवाद के टुकड़े हैं.. इनमें नायक नायिका के प्रतीकों को किसी भी कोण से देखा जा सकता.. कोई भी संवाद पुरुष और स्त्री दोनों का…