टीवी = माँ … जो माँ को पसंद आए.. उसमें अच्छा प्रोडक्ट बनने की संभावनाएँ होती हैं… माँ का लेंस, वो नज़र है… जो उलझी हुई प्रस्तुति को सरल बना देता है… माँ से जुड़ी एक सीख ये भी है कि मां बनने की भी एक उम्र होती है.. एक उम्र से पहले न मातृत्व अच्छा है.. न नेतृत्व..