Journey : यात्रा
सीढ़ी अफ़सोस नहीं करती.. सीढ़ी अनंत यात्राएँ करती है.. ऊपर से गुज़रते हर कदम के साथ !
❤️ Nirvana of Infotainment
सीढ़ी अफ़सोस नहीं करती.. सीढ़ी अनंत यात्राएँ करती है.. ऊपर से गुज़रते हर कदम के साथ !
हिंसा में आंसू तो होते हैं.. पर कई बार गहरा कटाक्ष भी होता है.. संताप होता है और क्रूरता का समारोह भी होता है.. हिंसा के तीन दिवसीय आयोजन के … Continue reading Half Burnt Notebook : आधी जली हुई नोटबुक
ज़हर आजकल चलन में है, बिक रहा है.. और सफल होने का सिद्ध फ़ॉर्मूला भी है। अगर आप ज़हर उगलते हैं, ज़हर लिखते हैं, ज़हर के व्यापारी हैं, ज़हर को चटपटे फ़्लेवर में बेचने वाले दबंग दुकानदार हैं.. तो लोग आपको पहचानने लगेंगे..
गणतंत्र को देखने के कई तरीक़े हैं.. कई लेंस हैं.. कई फ़िल्टर हैं.. 1950 में गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया था ? इस संदर्भ में British Pathe का पौने चार … Continue reading Poetic Parade : गणतंत्र दिवस की काव्य परेड
नीला आसमान मिला था मुझे पूरे की ज़िद नहीं की अपने हिस्से का एक टुकड़ा रख लिया ♥️ © Siddharth Tripathi ✍️ SidTree
चाय की प्यालियों के बीच वक़्त कैसे उधड़ता है.. चाय के घूँट इंसान को कैसे सहलाते हैं.. आज़ादी दिलाने वाले सवालों से चाय पर मुलाक़ात कैसे होती है ?… जब अंगारे आराम फ़रमाते हैं तो चाय पिलाना कैसे चाटुकारिता और जी हुज़ूरी बन जाता है.. और चाय में एक चम्मच चीनी घोलते हुए.. किस तरह का अध्यात्म दिखाई देता है ? …Read more…
हम सोचते रहते हैं कि जो सत्य है वो हमेशा हमेशा के लिए है, लेकिन इस दौर में लोग सत्य का स्थान परिवर्तन करवा देते हैं, उसकी दिशा बदल देते हैं… और फिर सुकुमार सा सच, झूठ के साथ चाय पकौड़ी करता नज़र आता है !
इस दौर में हर इंसान पूरी तरह भरा हुआ है, उसके अंतर्मन में या जीवन में किसी और के लिए कोई जगह नहीं है। पहले लोग टकराते थे तो एक … Continue reading Low Power Mode of Humans : इंसान बिजली से नहीं चलते
Peak makes you speak
a Language not so deep
Intoxication is what mind seek
you’ve everything but can you keep ?
Fear sees through the keyhole peek
like a criminal driving fast in the jeep
Zeroes are deep
Zeroes are deep
ये कविता 12 साल पुरानी है, इसमें एक ख़ामोश कमरा है, जो किसी किताब की तरह सारे लम्हों को अपने अंदर समेटे हुए है। ये भी कह सकते हैं कि … Continue reading A Silent Room Burns 🔥 ख़ामोश कमरा जलता है
मुठ्ठी खोलते ही दोस्ती की सल्तनत शुरू हो जाती है। दोस्ती में अदृश्य सिहरन है, उपासना है, रोशनी की लकीर है, किसी का बोझ उठाने वाली ताकत है, राज़ को रखने वाली तिजोरी है, और वो अंधेरा भी जिसमें सारी महत्वाकांक्षाएं, स्वार्थ और आत्मा पर चिपके कालिख के कण धुल जाते हैं…….
White Noise : TV पर जब कुछ नहीं आता तो White Noise आता है और Mute का बटन तो हर Remote में होता है। नयी बात कहने के लिए इन … Continue reading लोग Mute 🔇 करके मारते 🗯 हैं !
This poem is about Letters which we write to ourselves : ideal for weekly soul washing, Sunday = Kavi-Day
क्या मैं आपका चेहरा छूकर देख सकती हूँ ? एक नेत्रहीन लड़की को एक मशहूर आदमी से ये सवाल पूछते हुए देखा, और उसी पल मन में आया कि छूकर … Continue reading Touch Screen : उँगलियों को सुन्न करने वाला काँच
प्रश्नों का चरित्र भी अजीब होता है, वो तभी आते हैं जब आप थोड़ा धीमे हो जाते हैं, थोड़ा सा ठहर जाते हैं। इस दौर में ठहराव को मृत्यु के … Continue reading प्रश्न❓Poetry : प्रश्नों को प्रक्षेपित करने वाला एक विचार और 10 कविताएँ
दीवाली पर आपके साथ कुछ रचनाएँ शेयर करना चाहता हूँ, इस पोस्ट में आगे जो वीडियो है वो एक पुरानी रचना पर आधारित है। इस विज़ुअल कविता को 2011 में … Continue reading दीया बनो, रोशनी रचो : Worship of Light
This is a special one for International Mother Earth Day पुरानी साँसें बहुत जल्द मैली हो जाएंगी इतनी मैली कि कार्बन जमने लगेगा सोच-समझ पर इसलिए सभ्य व्यापारियों को नई … Continue reading Climate Deal : महाशक्तियों को पूरी साँस नहीं मिलेगी
Core Thought How Can a Business Mind Meditate ? How Can a Zen Mind do e-commerce ? For a moment these contradictions make you believe that the idea of meditation … Continue reading E-commerce of a Monk : एक भिक्षु का ई-बाज़ार
Core Thought : Light and Dark, Two shores of a river called Time. You are flowing, Touching the light intermittently and swimming into darkness sometimes, which dissolves and levels everything. This … Continue reading Cold Cold Sun : ठंडा सूरज
Original concept, Script, Voice, Music – © Siddharth Tripathi, SidTree.co