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Angry vs Hanuman : ‘उग्र-हनुमान’ वाला दुष्प्रचार !
हमारे ग्रंथों में हनुमान जी को बल-बुद्धि-विद्या-विवेक का प्रतीक माना गया है। लेकिन वो कभी क्रोध के अधीन नहीं होते। वो वानर की तरह हंसते खेलते, सामान्य शरारत करते हुए ही अपने बल का प्रयोग कर लेते हैं। उनका बल प्रयोग भी शत्रु के प्रति हास्य-व्यंग्य और लीलाओं से भरा हुआ है। किसी भी परिस्थिति में वो ये नहीं भूलते कि वो राम के सेवक हैं। और भगवान का सेवक होने का भाव उनमें क्रोध और घमंड नहीं आने देता।
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Snippets of Love : घरेलू प्रेम पत्र (क्रम संख्या – १,२,३,४,५…)
डाक विभाग बर्फ़ की सिल्ली की तरह जम गया है, नेटवर्क ने हड़ताल कर दी है, वक़्त के इस Offline टुकड़े में कुछ पुराने बिखरे हुए पत्र मिले हैं। सर्द मौसम में मन को तापने के काम आएँगे। आवश्यकता मुझे तुम चाहिए होती हो, पर मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए होता खौलता हुआ पानी दूध […]