• The Hum-सफ़र Project
    The Hum-सफ़र Project

    जिस तरह LED यानी Light Emitting Diode से रोशनी निकलती है.. उसी तरह प्रेम को संसार में प्रक्षेपित करने वाला कोई Love Emitting Diode भी होता होगा जो इंसानों के अंदर फिट रहता है। दोनों में फर्क है.. एक से रोशनी निकलती है और दूसरे से मोहब्बत। जब किसी इंसान से प्रेम और करुणा का…

  • क्या नेहरू.. सरदार पटेल को कैबिनेट से बाहर रखना चाहते थे?
    क्या नेहरू.. सरदार पटेल को कैबिनेट से बाहर रखना चाहते थे?

    विदेश मंत्री S. Jaishankar ने नारायणी बासु द्वारा लिखी गई वी पी मेनन की जीवनी का विमोचन करते हुए ये कहा और ट्वीट किया “ Learnt from the book that Nehru did not want Patel in the Cabinet in 1947 and omitted him from the initial Cabinet list. Clearly, a subject for much debate. Noted…

  • Freebie Notes : चुनाव में मुफ़्त वाले माल की राजनीति पर कुछ नोट्स
    Freebie Notes : चुनाव में मुफ़्त वाले माल की राजनीति पर कुछ नोट्स

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद लगातार ये बात ट्रेंड कर रही है कि मुफ़्त के माल ने केजरीवाल को जीत दिला दी। वैसे ये मानव स्वभाव है कि जनता मुफ़्त का माल देखकर प्रसन्न हो जाती है उसकी बाँछें जहां कहीं भी होती हैं खिल उठती हैं (श्रीलाल शुक्ल…

  • Intoxication : ज़हर लिखा है.. खूब बिका है
    Intoxication : ज़हर लिखा है.. खूब बिका है

    ज़हर आजकल चलन में है, बिक रहा है.. और सफल होने का सिद्ध फ़ॉर्मूला भी है। अगर आप ज़हर उगलते हैं, ज़हर लिखते हैं, ज़हर के व्यापारी हैं, ज़हर को चटपटे फ़्लेवर में बेचने वाले दबंग दुकानदार हैं.. तो लोग आपको पहचानने लगेंगे..

  • जोगेंद्र नाथ मंडल : पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों वाला गुमनाम अध्याय
    जोगेंद्र नाथ मंडल : पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों वाला गुमनाम अध्याय

    तारीख़ – 6 फ़रवरी 2020 : नागरिकता संशोधन कानून पर अपने तर्क देते हुए प्रधानमंत्री ने संसद में जोगेंद्र नाथ मंडल का नाम लिया… जो कि एक बड़े दलित नेता थे। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के संदर्भ में जोगेंद्र नाथ मंडल का नाम क्यों लिया गया इस पर ज़्यादा बात नहीं हुई। जोगेंद्र नाथ मंडल कांग्रेस…

  • Spring Saraswati : वो मौसम जो खुद वाग्देवी सरस्वती ने लिखा
    Spring Saraswati : वो मौसम जो खुद वाग्देवी सरस्वती ने लिखा

    आसमान ने हीरे की अंगूठी पहनी है दिलों की बर्फ़ पिघल रही है जमी हुई चेतना पंख फड़फड़ा रही है हर कोई ठंडे घरों से बाहर निकलना या झाँकना चाहता है सूर्य की इन किरणों में प्रेम की अनुभूति है क्या वाग्देवी सरस्वती ने खुद ये मौसम लिखा है ? ज़रूर उन्होंने ही लिखा होगा,…

  • Poetic Parade : गणतंत्र दिवस की काव्य परेड
    Poetic Parade : गणतंत्र दिवस की काव्य परेड

    गणतंत्र को देखने के कई तरीक़े हैं.. कई लेंस हैं.. कई फ़िल्टर हैं.. 1950 में गणतंत्र दिवस कैसे मनाया गया था ? इस संदर्भ में British Pathe का पौने चार मिनट का एक वीडियो मिला। इसमें दरबार हॉल में ली गई शपथ से लेकर.. उस जगह तक की तस्वीरें हैं जहां गणतंत्र दिवस समारोह हुआ…

  • Sunflowers : सौर किरणों के शक्ति पुष्प
    Sunflowers : सौर किरणों के शक्ति पुष्प

    रविवार को सूर्य से ऐसी किरणें निकलती हैं जो आपको आलसी…बहुत आलसी बना देती हैं। ये वैज्ञानिक तथ्य नहीं है, ये रविवार को सूर्य और छुट्टी का दिन मानने के फलस्वरूप उपजा अनुभव है। ये सूर्य की सुनहरी लकीरों का गणित है जिसे सिर्फ मैं और तुम समझते हैं

  • वो डॉन जिसकी छड़ी से डरता था मुंबई शहर !
    वो डॉन जिसकी छड़ी से डरता था मुंबई शहर !

    इंदिरा गांधी के साथ करीम लाला की मुलाक़ात को लेकर विवाद हो गया तो अध्ययन शुरू किया। और इस दौरान करीम लाला के बारे में जो पढ़ा वो शेयर कर रहा हूँ करीम ख़ान का नाम करीम लाला कैसे पड़ा ? जिस गली में वह रहता था वहीं पर उसने जुए का एक अड्डा खोलने…

  • Khichdi Notes : खिचड़ी वाले पारंपरिक नोट्स
    Khichdi Notes : खिचड़ी वाले पारंपरिक नोट्स

    खिचड़ी का कूटनीतिक महत्व खिचड़ी का महत्व सिर्फ स्वाद के क्षेत्र में नहीं है.. इसके कूटनीतिक महत्व का ज़िक्र भी कई ग्रंथों में मिलता है। चाणक्य और चंद्रगुप्त ने मगध में अपना जो साम्राज्य खड़ा किया.. उसके मूल में खिचड़ी थी। जैन ग्रंथ परिशिष्टपर्वन में एक ऐसी घटना का ज़िक्र है जिसमें एक गांव में…

  • Seething Society : खौलता हुआ समाज
    Seething Society : खौलता हुआ समाज

    ये आंदोलन वाली चिंगारियाँ हैं, ध्वनियां हैं.. या याचिकाएँ हैं.. ये फ़ैसला आपकी भावनाओं पर छोड़ता हूँ.. लेकिन इतना ज़रूर है कि इन्हें एक काव्यात्मक रिपोर्टाज की तरह देखा जा सकता है.. इन कविताओं का रास्ता, स्निग्ध.. धूप पीते शरीरों की तरह अवरोध-मुक्त नहीं है.. ये थोड़ा ऊबड़खाबड़ है.. इसलिए असुविधा के लिए खेद है..…

  • Blue Sky : मेरे हिस्से का नीला आसमान
    Blue Sky : मेरे हिस्से का नीला आसमान

    नीला आसमान मिला था मुझे पूरे की ज़िद नहीं की अपने हिस्से का एक टुकड़ा रख लिया ♥️ © Siddharth Tripathi ✍️ SidTree

  • i-Transform : संज्ञा से क्रिया तक
    i-Transform : संज्ञा से क्रिया तक

    ये दौर संज्ञाओं का है.. जिन्हें जड़ होने के बावजूद विशालता का प्रतिरूप मान लिया गया है.. जबकि क्रिया को नौकर-चाकर के भाव से देखा जाता है.. जब कोई पैदा होता है तो नामकरण के साथ वो संज्ञा तो हो ही जाता है.. लेकिन विशुद्ध क्रिया होना.. जीवन के गूढ़ अर्थों का मान रखना है

  • Theatrics of Knowledge 🎭 ज्ञान का अभिनय
    Theatrics of Knowledge 🎭 ज्ञान का अभिनय

    जब शहर में आग लगी हुई थी.. वो चुप था.. उसकी अंतरात्मा पर बीस सेंटीमीटर बर्फ़ गिरी हुई थी

  • Chai-चरित्र ☕️ (a Tea-nalysis)… एक चाय हो जाए !
    Chai-चरित्र ☕️ (a Tea-nalysis)… एक चाय हो जाए !

    चाय की प्यालियों के बीच वक़्त कैसे उधड़ता है.. चाय के घूँट इंसान को कैसे सहलाते हैं.. आज़ादी दिलाने वाले सवालों से चाय पर मुलाक़ात कैसे होती है ?… जब अंगारे आराम फ़रमाते हैं तो चाय पिलाना कैसे चाटुकारिता और जी हुज़ूरी बन जाता है.. और चाय में एक चम्मच चीनी घोलते हुए.. किस तरह…

  • Crunchy Democracy : कुरकुरा लोकतंत्र
    Crunchy Democracy : कुरकुरा लोकतंत्र

    राजपुरुष(या स्त्री)… फिर चाहे वे किसी भी सत्ता में क्यों न हों.. उन्हें लोकतंत्र को चबाने में बड़ा स्वाद आता है… घर.. दफ़्तर.. देश… दुनिया… हर जगह यही समीकरण है

  • The Hum-सफ़र Project |👫| तुम्हारे साम्राज्य में मेरी आराम कुर्सी
    The Hum-सफ़र Project |👫| तुम्हारे साम्राज्य में मेरी आराम कुर्सी

    उसने कहा – क्या अब भी तुम्हें मेरे ख़्वाब आते हैं ?   उसके हमसफ़र ने कहा – तुम वही हो जो मेरे ज़ेहन की अंगुली पकड़ के मुझे ख़्वाबों में ले जाती हो लम्हा दर लम्हा तुम्हारे ख्यालों के साथ पिघलता हूं मैं कंप्यूटर पर बैठो तो बाहों का हार खींचता है खाना खाता…

  • The Hum-सफ़र Project |👫| प्यार बढ़ता है एक दूसरे का जूठा पीने से
    The Hum-सफ़र Project |👫| प्यार बढ़ता है एक दूसरे का जूठा पीने से

    नाम थोड़ा अंग्रेज़ी टाइप है.. लेकिन मायने ख़ालिस देसी हैं.. The Hum-Safar Project का अर्थ ये है कि हम सफ़र पर हैं… और इस सफ़र में हर दूसरे मोड़ पर संवाद के टुकड़े हैं.. इनमें नायक नायिका के प्रतीकों को किसी भी कोण से देखा जा सकता.. कोई भी संवाद पुरुष और स्त्री दोनों का…

  • Truth is forever ? 👨🏻‍💻 सच नहीं है सदा के लिए
    Truth is forever ? 👨🏻‍💻 सच नहीं है सदा के लिए

    हम सोचते रहते हैं कि जो सत्य है वो हमेशा हमेशा के लिए है, लेकिन इस दौर में लोग सत्य का स्थान परिवर्तन करवा देते हैं, उसकी दिशा बदल देते हैं… और फिर सुकुमार सा सच, झूठ के साथ चाय पकौड़ी करता नज़र आता है !

  • Happiness Index on Finger : तर्जनी पर प्रसन्नता का सूचकांक
    Happiness Index on Finger : तर्जनी पर प्रसन्नता का सूचकांक

    आसपास जलते हुए पुलों, खरोंच खाती आवाज़ों के बीच… यही सच है… जो मायने रखता है

  • Escalators : स्वचालित सीढ़ियाँ
    Escalators : स्वचालित सीढ़ियाँ

    ‪स्वचालित सीढ़ियाँ सिर्फ एक सुविधा मात्र नहीं हैं… ‬ इनमें श्रम का समर्थन मूल्य तय करने वाला एक सामाजिक कटाक्ष भी दिखाई देता है‬। एक तरफ‬ ‪सीढ़ियाँ हाँफ कर चढ़ने वाले लोग हैं.. ‬ ‪दूसरी तरफ ‬‪पराए श्रम पर स्वचालित यात्राएं करने वाला वर्ग‬ सीढ़ी खुद ब खुद चढ़ रही हो और यात्री हो ठहरा हुआ एक बिंदु पर…

  • Diwali Preparations : दीवाली की तैयारी
    Diwali Preparations : दीवाली की तैयारी

    ये दीवाली की तैयारी से जुड़े छोटे छोटे काव्यात्मक टुकड़े हैं। उम्मीद है आप इनसे खुद को जोड़ पाएंगे White wash : पुताई हर साल पुताई होती है और छोटी छोटी निशानियाँ किसी रंग के नीचे दफ़्न हो जाती है इस बार दीवाली पर अपने मन की पुताई करवानी है Maid : कामवाली उस कामवाली…

  • Low Power Mode of Humans : इंसान बिजली से नहीं चलते
    Low Power Mode of Humans : इंसान बिजली से नहीं चलते

    इस दौर में हर इंसान पूरी तरह भरा हुआ है, उसके अंतर्मन में या जीवन में किसी और के लिए कोई जगह नहीं है। पहले लोग टकराते थे तो एक दूसरे में छलक पड़ते थे, लेकिन अब किसी दूसरे को सहने या समाहित करने का माद्दा लगभग ख़त्म हो गया है। आने वाले दौर में,…

  • दैनिक दशानन, दैनिक विजयादशमी
    दैनिक दशानन, दैनिक विजयादशमी

    अब हर रोज़ नये रावण हैं, नयी विजयादशमी है हर रोज़

  • Cold Blooded Species : ठंडे खून वाली प्रजातियां !
    Cold Blooded Species : ठंडे खून वाली प्रजातियां !

    ये चार कविताओं का एक फोल्डर है ‘Master’-Key : चाबी व्यवस्था के पास है Road Roller : सावधान, आदमी काम पर हैं Spine : रीढ़ की हड्डी Questions : प्रश्न एक लाइन में कहूं तो… रोडरोलर में एक चाबी लगाई गई, और कुचल डाला गया रीढ़ की हड्डी को… ये एक लाइन इन 4 कविताओं…