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Desert Froze, Time Flows : थोड़ा गुनगुना हो सब कुछ
Hindi Poem followed by Translation in English for International Readers Taken from bilingual poem collection ‘Poetic Buddha’ by Siddharth अंदर ही अंदर बर्फ सी जमी… भागती, हांफती ज़िंदगी में… कुछ यादें लौ सी जलती हैं थोड़ा गुनगुना हो सब कुछ बस दिल यही चाहता है वो ठहरता है, तो वक़्त गुज़रता है और बर्फ का […]
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Boiling Ocean of Mumbai City…. उबलता समंदर
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है ख़बर गर्म… Breaking News
Taken from bilingual poem collection ‘Poetic Buddha’ by Siddharth झुकी-बुझी भीगी-थकी नज़रें हैं और हैं अंगारों से सवाल जवाब नहीं मिलता तो क्या है वो भूख से बिलखता है कॉपी पर चलाता नहीं फैलाता है हाथ तो क्या है गिरे हुए को उठाने की भटके को आईना दिखाने की फुरसत कहां है ‘बिक’नी हसीना की […]