Photo Fossils in Cloud : बादलों में तस्वीरों के जीवाश्म
Google / Apple वाले दौर में Cloud वाली चेतना, फोटो वाले अवशेष
WordLess : चुपचाप
कई बार.. कुछ डूब जाने दिया जाता है.. हो जाने दिया जाता है.. हामी में.. रज़ामंदी में.. मौन में.. बहुत ढूँढो तो भी नहीं मिलता विष… टेस्ट नेगेटिव आता है.. फिर मस्त घूमते हैं… सबके सब… हम सब…
GIGO : कूड़ा in.. कूड़ा out !
कूड़ा पारदर्शी है.. उसमें गवाही होती है व्यक्तित्व के छिलकों की.. हर व्यक्ति का, हर घर का, हर व्यवस्था का कूड़ा अलग तरह का होता है.. दबे हुए राज़ खोल देता है
Locked Life : सुरक्षित जीवन
रंगहीन.. गंधहीन.. सुरक्षित जीवन.. सुविधा की मदिरा से नाक तक भरा हुआ..बार बार
छलकता है बातों पर…
तुम्हें शून्य से गुणा किया सबने !
माथे पर लिखा ज़ीरो.. थे तुम कभी हीरो.. लेकिन
तुम्हें शून्य से गुणा किया सबने !
Last Gift 🔥 अंतिम उपहार
जो गया है तुम्हारे बग़ल से अचानक उठकर…
वो जेब में तुम्हारी… एक माचिस रख गया है…
02 (Oxygen) : अपनेपन की प्राणवायु
किसी अपने को एक एक सांस के लिए तरसते देखकर… सारे कीर्तिमान… लड़ाई-झगड़े… व्यर्थ नज़र आते हैं… इस वक्त मृत्यु का बोध.. ये बता रहा है.. कि आसपास हर ज़िंदा कृति को.. अपनेपन की ऑक्सीजन की ज़रूरत है.. उन्हें ये ऑक्सीजन देते चलिए…
Recipe of Blood & Data : खून और आँकड़ों की ‘पाकविधि’
दवाओं और राजव्यवस्थाओं की मारक क्षमता छुपाने से लेकर विज्ञान और डर के नये नये बाज़ार बनाने तक, आंकड़ों का सामाजिक महाप्रयोग चल रहा है। आंकड़ों की बैसाखी दुनिया भर के लोगों को थमा दी गई है। और जिसके हाथ में बैसाखी हो, वो नारे नहीं लगा सकता, आवाज़ नहीं उठा सकता, आंकड़ों पर लगा ख़ून साफ़ नहीं कर सकता।
Universe in a Post❤️Card : पोस्टकार्ड में ब्रह्मांड
प्रेम में एकांत का अनंत विस्तार होता है… दो प्रेमियों की दूरी मैंने एक पोस्टकार्ड में नापी है!
बादल 🌤 धूप के बीच ‘कुछ ❤️’ चल रहा है.. !
बादल और धूप की अठखेलियों का मौसम.. और उससे उपजा एक प्रेम संवाद
Journey : यात्रा
सीढ़ी अफ़सोस नहीं करती.. सीढ़ी अनंत यात्राएँ करती है.. ऊपर से गुज़रते हर कदम के साथ !
The Camera Project : सत्य, नज़रिया और कैमरा
आंख का कोई विकल्प नहीं था मनुष्य के पास… देखने की शक्ति और जो देखा उसे निचोड़कर दिमाग की मदद से दृष्टिकोण बनाने की अद्भुत शक्ति आँखों में ही है.. और ये बात इंसान को हमेशा आँखों की नक़ल बनाने के लिए प्रेरित करती रही। कैमरे का आविष्कार इसी का नतीजा है। शुरुआत में छवियाँ […]
बेदाग़ बड़े.. और सच्चे बच्चे
जो धूल.. कीचड़ में सने हैं.. प्रेम और एसिड से जले हैं.. जिन पर जीवन के निशान पड़े हैं.. जो दौड़ते भागते बच्चे हैं.. वही लगते सच्चे हैं
Garden of Sorrows : दुख उसका श्रृंगार थे
दिन भर के दुख उसका श्रृंगार थे.. कभी हाथों में कंगन की तरह पहनती… कभी गले में उजले हार की तरह !
मन का स्मार्ट स्पीकर
“हे मनुष्य” “ओके मनुष्य” “थम जा मनुष्य.. आगे खाई है” ऐसे ही किसी जागृत कर देने वाले वाक्य से मन का स्मार्ट स्पीकर एक्टिव हो गया.. उसने माहौल को जज़्ब किया.. और फिर.. एक-एक करके कुछ बातें कहीं.. इन बातों में जो पात्र हैं.. वो काल्पनिक नहीं हैं… वो सब आपके आसपास ही मौजूद हैं […]
Interspace : दूरी
इस कविता का जो केंद्रीय पात्र है.. वो आपकी ही तरह तैरता है हर रोज़, समय के सागर में… जहां ऊँची, तूफ़ानी लहरें आती हैं.. वहां घड़ी की सुइयों के सहारे हो जाता है.. और लहर के ढहते ही.. फिर तैरता है दम लगाकर… चीरता चला जाता है पानी को.. जीवित दिखने वाली निर्जीव वस्तुओं […]
चांद के टुकड़े : Pieces of Moon
हर उपभोक्ता की मंद मंद मुस्कान में .. निर्माता के पैरों की बेवाइयां दिखती हैं ..
Sapped Warrior : योद्धा की थकान ही उसकी मृत्यु है
कोरोना के संकटकाल में हर घर में थकान की पर्वत श्रृंखलाएँ बन गई हैं .. जिन्हें पार करना बहुत मुश्किल लगता है.. हालाँकि ये असंभव नहीं है..
आपको लगता होगा कि आप एक योद्धा हैं और आप थक पाने की स्थिति में नहीं है…
Digestive System : पाचन शक्ति
इस विचार को मन के मर्तबान में डाला.. धूप में रख दिया.. फिर जो बना.. वो ये रहा.. थर्मोकोल, कांच, लकड़ी, मिट्टीअन्याय, हिक़ारत, ठंडा लहू , खौलते हुए तानेसब पचा लेते हैंकुछ लोगों की भूख हर चीज़ को गला देती है अभावों मेंबढ़ जाती है पाचन शक्तिसंपन्नता अपने साथपाचन की गोलियाँ लेकर आती है
DROPS : बूँदें
आसमान में रहने वाली बूँदों से लेकर आँखों में रहने वाली बूँदों तक.. सबको इस एक पोस्ट में लयबद्ध किया है.. इन पंक्तियों की बारिश में आप थोड़ी देर भीग सकते हैं..