आसमान की ओर देख रहा था, उसकी विशालता पर लिखी हुई मनुष्य की डिब्बाबंद यात्रा भी दिखाई दी, तस्वीर खींची और उसमें मन अपना आकाश ढूँढने लगा… नीचे एक काव्यात्मक Instagram Reel है, कुल 11 सेकेंड में देखी जा सकती है, दो तीन बार देखेंगे तो बात महसूस भी हो जाएगी। आप क्या सोचते हैं कमेंट में लिखिएगा
सब उसे छूने की यात्रा में हैं
परंतु आकाश एकदम स्थिर
हर जगह समान रूप से उपस्थित
.
.
असंख्य अधूरी कोशिशें
एक बिंदु पर जा मिलीं
वहीं सिर पर छत दिखी
वहीं मिला आकाश मुझे
मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ 🔭 से