
सही के भीतर, बहुत भीतर क्या एक शून्य है ?
गलत में, क्या खुद का भी कटते चले जाना निहित है ?
और इनके बीच का जो रास्ता है,
उसे कायरता कहा जाए या सांसारिक औषधि
संभावनाओं, उपलब्धियों के वर्षा वन,
मध्यमार्ग की रिक्त भूमि में…
भला क्यों ?
प्रश्नPoetry❓: वो प्रश्न जिनके उत्तरों में जीवन की संवेदनाएँ गुँथी हुई हैं