कुछ नया शुरु करते हुए, अगर अंदर तितलियाँ सी उड़ती हैं
तो ये लक्षण है कि
-अन्वेषण की आदत अभी छूटी नहीं है
-घने जंगल 🌳 में बिना बहुत आश्वस्त हुए, निकल पड़ने में डर नहीं लगता
-बार बार नये की ओर जाना, यानी बार बार अपनी दृष्टि को माँजना
✍️ बार बार नया होना ही, बड़ा होना है

कुछ पत्तों ने ये भी बताया—
“नयेपन की एक ख़ास चमक होती है, जबकि विशेषज्ञता में एक फीकापन होता है”
नया नाज़ुक, रोशनी की ओर देखकर बढ़ता हुआ
और जो सध गया वो अक्सर अटक गया, अकड़ गया
हरियाली में बार बार नया होते रहने का सूत्र है

मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ 🔭 से