
उठें और उचक कर छू लें 🌥️
ऐसे बादलों वाला रास्ता 🌥️🌥️
जैसे रूई के फाहे
दैनिक ज़ख्मों को सहला रहे हों
सब प्रकृति के Special Effects हैं
कई बार लगता है हम किसी फ़िल्म में जी रहे हैं
मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ 🔭 से
Nirvana of Infotainment
उठें और उचक कर छू लें 🌥️
ऐसे बादलों वाला रास्ता 🌥️🌥️
जैसे रूई के फाहे
दैनिक ज़ख्मों को सहला रहे हों
सब प्रकृति के Special Effects हैं
कई बार लगता है हम किसी फ़िल्म में जी रहे हैं
मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ 🔭 से