कुछ भी पूरा नहीं होता
हर वक़्त हम किसी अधूरे के मध्य में होते हैं
और आगे की ओर बढ़ रहे होते हैं
ये छोटे कदम जुड़कर,
एक बड़ी यात्रा बन जाएँ,
यही सबका क़िस्सा है
जो आगे है, उसकी बढ़त में
किसी और अधूरे का हिस्सा है

मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ 🔭 से