बड़ा आदमी, बड़ी इमारत, बड़ा मकसद
इनके छिपने की गुंजाइश कम होती है
जो सामान्य है, वह छिपा हुआ है,
एक जैसों की भीड़ में
संसार में छिपा सामान्य, सामान्य में छिपा विशेष, यही प्राकृतिक है

मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ से
Nirvana of Infotainment
बड़ा आदमी, बड़ी इमारत, बड़ा मकसद
इनके छिपने की गुंजाइश कम होती है
जो सामान्य है, वह छिपा हुआ है,
एक जैसों की भीड़ में
संसार में छिपा सामान्य, सामान्य में छिपा विशेष, यही प्राकृतिक है
मेरे इंटरनेट स्तंभ ‘सिद्धार्थ की दूरबीन’ से