अपने बच्चों तक भावनाओं के मज़बूत पुल बनाने वाले हर पिता के नाम…
जो मैंने महसूस किया है.. शायद आपने भी कभी न कभी महसूस किया होगा कुछ तस्वीरों की मदद से अपने जिये हुए को जोड़ा है.. ये कोलाज नीचे की पंक्तियों को एक चेहरा देता है.. आपके पास पिता से संबंधित कोई तस्वीर या कोलाज हो तो कमेंट के ज़रिए शेयर कीजिएगा नीचे एक मिनी संस्मरण भी है

एक पुल है
जो धीरे धीरे बना है
कई वर्षों में
कई हज़ार फ़ीट की ऊँचाई पर
अनुभव और वात्सल्य के कई ट्रक
गुजर कर उस पर से
आते हैं मुझ तक
महानगर के किसी भी युद्ध में
मेरी पोस्ट पर
रसद की कमी नहीं होती
छोटे छोटे आशीष पिता के
पहुँचते रहते हैं
उम्र भर
और हाँ.. एक बात और…

© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree