Sorrows of Strangers : पराये दुख भी शक्ति देते हैं

Core Thought / मूल विचार – Harnessing Energy from sorrows.. यानी अपने और पराये दुखों को कच्चे माल की तरह इस्तेमाल करके अपने लिए ऊर्जा बनाना।

ये दो कविताएं और उनका उपसंहार किसी बहुमंज़िला इमारत की ऐसी Balconies की तरह है जिनसे दिखने वाला दृश्य किसी एक बिंदु पर मिलता है। ऐसी कोशिश मैंने पहले भी की है और अब एक बार फिर कर रहा हूं।

Waterfall : झरना

My neck is filled up with sorrows
My vocal cords are drowned
Thats why when I speak..
A waterfall of Poems flows down

मेरा गला भरा हुआ है अपने और पराए दुखों से
जिनमें मेरी स्वर तंत्रियां डूब चुकी हैं
शायद इसीलिए..
जब बोलता हूं…
तो कविताओं का झरना बहने लगता है

Energy Drink : ऊर्जा देने वाला पेय

अब उसने सिर्फ अपने ही नहीं
पराये दुखों का भी विषपान शुरु कर दिया है
मन की सख़्त चट्टानें गलने लगी हैं
ये दुख करुणा के महासागर में बदल जाएंगे
मनुष्य बने रहने के लिए ये विषपान करते रहना होगा
पर ऊर्जा का ये पेय, बाज़ार में उपलब्ध नहीं है

उपसंहार

जब भी किसी दौर में मानवता के मूल्य गिरने लगते हैं, तो लोगों के मन में बचे करुणा के अवशेष किसी कुशल व्यापारी की तरह, मानवता के सेंसेक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। मुठ्ठी भर लोग ऐसी विकट परिस्थितियों में भी पराये दुखों को किसी शक्तिवर्धक पेय की तरह पीते हैं और काव्य से अपने देश, काल और जनसमूह का परिचय करवाते हैं। मुठ्ठी भर लोग ये तय कर लेते हैं कि वो टूटते हुए नैतिकताओं के बांध से अपनी पीठ टेककर खड़े रहेंगे, पूरा ज़ोर लगा देंगे, मुठ्ठी भींचकर उदघोष करेंगे कि वो हारे नहीं है। उनकी सख्त मुठ्ठी में अब भी कुछ मानव मूल्य बचे हुए हैं। सैनिकों के अलावा भी कुछ ऐसे लोग होते हैं.. जिनका जोश हमेशा High रहता है।

© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree