Satellite : चाँद निकलता है तो मैं और तुम जुड़ जाते हैं !

Transcript

दर्द और खुशी जब अंगड़ाई लेते हैं
तो चिटकती है रात
पूरी कायनात
और तमाम चेहरे अपने से
उड़ते हैं जुगनुओं की तरह

लेकिन नज़र
आसमान में चांद को ढूंढती है
और उससे चिपक जाती है
चांद निकलता है तो मैं और तुम जुड़ जाते हैं

चंदा तुम्हारा, मेरा, हम सबका है
दुनिया के अलग अलग कोनों में
अलग अलग इंसानों की आंखें
हर पल इसी चांद को छूती है
धरती के चारों तरफ घूमता ये चांद
हमारे शरीरों और विचारों के बीच अदृश्य पुल बनाता
एक संचार उपग्रह है

चांद निकलता है तो मैं और तुम जुड़ जाते हैं

Original concept, Script, Voice, Music – © Siddharth Tripathi, SidTree.co