Red Filter : दृश्य का रक्तस्नान
जिनके स्वप्न शालीन नहीं है
वो उन्हीं की आँखों में
टूटे हुए काँच की भाँति चुभते हैं
पलक की हर झपक
दृश्य को रक्तस्नान करवाती है
© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree
जिनके स्वप्न शालीन नहीं है
वो उन्हीं की आँखों में
टूटे हुए काँच की भाँति चुभते हैं
पलक की हर झपक
दृश्य को रक्तस्नान करवाती है
© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree
One Response to “Red Filter : दृश्य का रक्तस्नान”
विचारों को सन्न कर देने वाली कविता फिर देगी दस्तक।
आपको ये बताने के लिए ki
चैन से सोना है तो जाग जाओ।
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