सुबह सुबह अपने चेहरे पर रंग लगाकर निकलते हैं
इन बच्चों की असली शक्ल देखी है किसी ने ?
ज़माने को बेचने चले थे
रक्त स्नान करके चुपचाप निकल रहे थे घर से
अचानक माँ ने रोककर पूछ लिया
कौन हो तुम ?
- अ-सामाजिक कविताओं की सीरीज़ से, इस Theme पर कुल मिलाकर 8 कविताएँ हैं ↩