Divide vs Share : बाँटना vs बाँटना

अब विचार और संदेसे
कबूतर की तरह उड़ जाते हैं
कोई सरहद नहीं है
किसी वीज़ा और पासपोर्ट की ज़रूरत नहीं है
किसी युग में
इंसानों ने ज़मीन बाँट दी थी
अब अपनी ही खींची लकीरों को
इंटरनेट से मिटा रहे है

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  1. अ-सामाजिक कविताओं की सीरीज़ से, इस Theme पर कुल मिलाकर 8 कविताएँ हैं