अ-सामाजिक कविताओं की सीरीज़ से एक और रचना। ये ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरह के गुंडों को समर्पित है।
अपने वज़न से ज़्यादा खून पी लेने वाला मच्छर
उड़ नहीं सकता
चाहकर भी डंक नहीं मार सकता
भिनभिनाना ही उसकी ड्यूटी है
तालियां भी उसके लिए मौत लेकर आती हैं
© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree