कैफ़ीन..
एक कप कॉफी या चाय में नहीं होती..
उस हाथ में होती है
जो उलझे हुए बालों के बीच से
पूरे हक़ के साथ गुज़रता है
कभी ना थकने वाली मशीनों के इस युग में
हक़ जताने वालों की कैफ़ीन ज़रूरी है
क्योंकि इंसान बिजली से नहीं चलते
© Siddharth Tripathi ✍️SidTree