UnDress Nirvana : मुक्तिबोध

I think everyone feels this everyday! Read and Comment

कहीं से वापस घर आकर
कपड़े उतारकर
अलमारी में टाँगते हुए
शरीर छोड़ने का एहसास होता है
बिलकुल आत्मा और शरीर के विच्छेद की तरह
एक पूरे दिन का बोझ
कंधों से अल्मारी की खूंटी की तरफ बहने लगता है
शायद इसीलिए
कपड़े उतारे बग़ैर थकान नहीं जाती


© Siddharth Tripathi ✍️SidTree