Tears are chains for women & they need to dissolve these chains with the acid of their confidence. This is about fearless fabric of a woman’s character. This is what I wish for every Woman. #HappyWomen’sDay
औरत के आँसू
आँखो से उतरकर रुखसार पर आते हैं
फिर गर्दन, छाती और पेट पर चलते हुए ..
कमर से उतरकर पैरों पर ठहर जाते हैं
लेकिन तब तक आँसुओं की तासीर बदल चुकी होती है
ये आँसू औरत के पैरों में गोंद की तरह चिपक जाते हैं
वो गोंद जो उड़ने नहीं देता
सोचने समझने नहीं देता
फिर भी हार मानकर बैठी भीड़ में
मैंने कुछ औरतों को देखा है
जो अपने पैरों पर तेज़ाब डालने से नहीं डरतीं
© Siddharth Tripathi *SidTree
Add Bookmark for SidTree.co