
We are so busy in crushing the villains that we don’t even see our true reflection.
दुनिया गोल है
और गोल दुनिया की परिधि पर घूमती हुई भीड़ को
नायक नहीं खलनायक चाहिए
तीर या गोली मारने के लिए,
खाल को चीरकर उसमें भूसा भरने के लिए,
और फिर दीवार पर पुरस्कारों के बीच
स्मृति चिन्ह बनाकर टांगने के लिएखलनायक को विचारों की मदिरा में नहलाकर
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उसे ज़िंदा जलाना नायकों का काम है..
इसमें गज़ब का नशा है..
और इस नशे में माचिस की जलती हुई तीली भी
मशाल जैसी लगती है
हालांकि थोड़ी ही देर में
तीली राख हो जाती है
आग उंगली तक पहुंच जाती है
और बड़े-बड़े नायकों के हाथ जल जाते हैं

नीचे देखिए.. पहले से ही लिखकर रखा है ये Tweet,
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खलनायकों को ज़िंदा जलाने वाले नायकों को .. नशे में माचिस की तीली भी.. मशाल जैसी दिखती है .. उन्हें पता नहीं चलता कि आग कब उंगली तक पहुँच गई .. इस क्रम में बड़े बड़े नायकों के हाथ जल जाते हैं #kavivaar
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