Core Thought / मूल विचार : Albert Einstein first predicted about gravitational waves in 1916 based on his general theory of relativity. In Feb 2016 an Observatory called LIGO confirmed the existence of Gravitational waves. On that day the seed of this poem was sown in my mind.
हम जानते थे कि गुरुत्वाकर्षण नाम की कोई चीज़ होती है, लेकिन उस गुरुत्वाकर्षण को किसी ने छूकर नहीं देखा था। जिस दिन इस बात की पुष्टि हुई कि गुरुत्वाकर्षण की लहरें होती हैं.. कई रहस्यों के जवाबों की तरफ जाने वाला रास्ता खुल गया। ये बात बहुत हैरान करती है कि गुरुत्वाकर्षण की तरह भावनाओं या रिश्तों को भी किसी दिन एक पदार्थ जैसी संज्ञा मिल सकती है। क्या मोहब्बत भी एक दिन फ्रिज में बर्फ की तरह जमाई जा सकेगी?
एक दिन पता चला कि गुरुत्वाकर्षण
किसी लहर की तरह बहता है
जो अब तक अदृश्य था
उसकी लहर को किसी ने पकड़ लिया
शायद किसी दिन रिश्ते भी
किसी दुनियावी चीज़ में तब्दील हो जाएंगे
किसी 50 मिलीलीटर के गिलास या जार में
मेरा और तुम्हारा रिश्ता आ जाएगा
और हम एक एक घूंट पीकर देखेंगे
रिश्ता अगर तरल पदार्थ ना हुआ
तो जिस तरह गुरुत्वाकर्षण की लहरें होती हैं
उसी तरह रिश्तों की भी तरंगें पकड़ी जाएंगी
और पता चल जाएगा कि इंसान
इन तरंगों से ऊर्जा पाते हैं
भावनाओं को छूकर महसूस करना,
आज असंभव सा लगता है
लेकिन धीरे धीरे ये भावनाएँ
वस्तुओं में तब्दील हो रही है
अदृश्य और अज्ञात का
यूं पदार्थ में बदलना
एक नई खोज है
© Siddharth Tripathi ✍️ SidTree