This Poem describes the journey of love on the surface of human body. Its like a pious scripture.
आंखों पर
एक पोटली हरसिंगार की रख देगा
उस फरिश्ते के पास
फूलों की कलम है
लिखेगा आयतें
श्लोक
जिस्मो-जां पर
पलकों से लेकर
इस शरीर के आखिरी सिरे तक
देखो ग़ौर से
एक नया धर्मग्रंथ
गढ़ा जा रहा है
आज रात
शब-ब-ख़ैर
© Siddharth Tripathi *SidTree | www.KavioniPad.com, 2016.