Exit Poll : एक वोटर की औक़ात

हसरतों के मंच पर
नंगी आवाज़ें
छल-कपट करती
किस्सागोई सी है
हर झूठ को प्रणाम
करते आए हैं हम
क्यों सुन्न हैं विचार
आंख, रोई सी है
आज दिल में बेचैनी
बोई सी है

क्या बादशाह
क्या दुक्की
सब एक जैसे लगते हैं
सबमें पहचान मेरी
खोई सी है
आज दिल में बेचैनी
बोई सी है


© Siddharth Tripathi and www.KavioniPad.com, 2015