Today I Watched world famous Dance drama ‘Ram’ by Sri Ram Bhartiya Kala Kendra. It was an awesome Visual Experience with an ‘Irony’
and the ‘Irony’ is…
Everyone wanted a selfie with Ravan. So called Bad traits !! are magnets for the society. To sum up all these photos in one caption… Its Evil Magnetism of Society. I admit that I also like Ravana, but it requires a few bug fixes & Software updates to be the Power Icon of 21st Century.
May be Ram = Ravana’s Bugs Fixed & Software updated.
हर किसी में रावण के साथ एक फोटो खिंचवाने की ललक दिखाई दे रही थी. त्रेता युग से कलियुग आते आते खलनायक की चमक बढ़ गई है, हर कोई इस चमक, इस दबंगई, इस शक्ति को अपने अंदर देखना चाहता है। राम बनने का धैर्य और साधना इस दौर में किसी के पास नहीं और जब समाज को ऐसे लक्ष्य मुश्किल लगते हैं तो वो उल्टी दिशा से काम करना शुरू करता है यानी रावण को मूल रूप में लेकर उसमें सकारात्मक बदलाव करना शुरू करता है.. भले ही लोग अपनी श्रद्धा के चलते इस बात को न कहें पर मुझे लगता है कि इस दौर में चुपचाप ऐसा हो रहा है। हर गुज़रती पीढ़ी के साथ रावण के प्रति गुस्सा कम हो रहा है। रावण महा ज्ञानी था लेकिन उसमें कुछ दोष थे.. और हर साल इन दोषों पर अपना गुस्सा उतार कर हमारी परंपराएं अपने हाथ झाड़ लेती हैं.. परंतु गौर से देखा जाए तो रावण और राम के बीच सिर्फ आदर्श कर्मों का फर्क है.. यानी रावण के सॉफ्टवेयर में त्रुटियां हैं और इन त्रुटियों को दूर करने के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट की ज़रूरत है.. यानी राम और रावण के बीच सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपडेट का फर्क है.. और खलनायक से खल को हटाकर नायक बनाने की गुंजाइश है।