Nirvana of Infotainment
आज गंगा किनारे काई को बहुत क़रीब से देखा और जाना कि मामूली सी दिखने वाली चीज़ भी अपने आप में कितनी व्यवस्थित हो सकती है.. बिलकुल मीटर में लिखी ग़ज़ल की तरह