ठंडे पानी में,
साबुन के बेईमान झाग में,
उबलते हुए तेल के धुएँ में,
उसके हाथों की सतह सिकुड़ने लगी थी
फिर नये फूल-पत्तों का मौसम आया
लेकिन उसके हाथ फिर भी सूखे हुए ही थे
बस मौसम ने एक एहसान किया
उन उंगलियों में एक गुलाब का फूल फंसा दिया
क्या सूखी हुई हर चीज़ को दोबारा खिलने का मौका मिलता है ?
© Siddharth Tripathi and www.KavioniPad.com, 2015