A Poem on Cold Facts about so called Intellectual Society including you.
चलो दुनिया की फिक्र कर लें,
मोमबत्ती जला लें, थोड़ा ज़िक्र कर लें,
Prince Charming.. Global Warming..
भूख.. जनसंख्या.. महामारी.. बलात्कार
इस ठंडे दौर में..
एयर कंडिशनर की ठंडी हवा में
ये सारे आंकड़े बहुत दिलचस्प लगते हैं
मैं उस समाज का हिस्सा हूं
जो इन आंकड़ों पर लगे खून को
नल के नीचे लगाकर धो देता है
इसके बाद आंकड़े देखने से आंख नहीं जलती
ज़ुबान पर भी नहीं चुभते ये आंकड़े
बस फिसलते जाते हैं बातों में
ये आंकड़े ऐतिहासिक हैं
क्योंकि इन्होंने एक बुद्धिजीवी समाज की रचना की है
© Siddharth Tripathi, 2014